बिहार में किसान रतजगा को मजबूर ! 26 दिन बाद भी शुरू नहीं हुई धान खरीद
नवादा में धान खरीद में देरी की वजह से किसानों की चिंता बढ़ गई है. किसानों ने बताया कि नारदीगंज प्रखंड में अब तक पैक्स अध्यक्षों के माध्यम से धान खरीद की प्रक्रिया शुरू न होने से किसानों की परेशानी और बढ़ गई है.

Bihar (Nawada / Nardiganj): किसानों की चिंताएं बढ़ी हुई हैं. किसानों का कहना है कि पैक्स में धान की खरीदारी लंबे समय बीत जाने के बाद भी शुरू नहीं हो सकी है, जिससे उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. घर और खलिहान में रखा धान सुरक्षित रखना कठिन हो गया है. सुरक्षा के अभाव में कई किसानों का धान खलिहान से गायब हो रहा है. खुले बाजार में उन्हें सरकारी दर से कम कीमत मिल रही है. यदि पैक्स में धान की खरीदारी शुरू होती, तो किसानों के हित में बेहतर होता. वर्तमान स्थिति में किसान आर्थिक संकट झेलने को विवश हैं.
इस संबंध में पचेया निवासी किसान विकास कुमार सिंह, कहुआरा निवासी गौतम सिंह, हरनारायणपुर निवासी श्रवण कुमार कुशवाहा, नंदपुर निवासी रविन्द्र सिंह, सहजपूरा निवासी नवीन कुमार सिंह, दरियापार के अनिल सिंह, प्रवीण कुमार सहित अन्य किसानों ने बताया कि नारदीगंज प्रखंड में अब तक पैक्स अध्यक्षों के माध्यम से धान खरीद की प्रक्रिया शुरू न होने से किसानों की परेशानी और बढ़ गई है.
किसानों का कहना है कि घर या खलिहान से धान को पैक्स गोदाम तक पहुंचाना भी चुनौतीपूर्ण कार्य है. प्रति बोरा धान को गोदाम तक पहुंचाने में लगभग 134 रुपये का खर्च आता है. इसमें जूट के बोरे की कीमत 25 रुपये, वजन और सिलाई का खर्च 20 रुपये, ट्रैक्टर पर चढ़ाने-उतारने में 10 रुपये, परिवहन व्यय 10 रुपये तथा नमी के कारण प्रति बोरा तीन किलो अतिरिक्त धान देना पड़ता है, जिसकी कीमत लगभग 69 रुपये होती है. कुल मिलाकर प्रति बोरा 134 रुपये का खर्च बैठता है.
एक बोरे में 45 किलो धान की मानक माप निर्धारित है, जबकि किसान बताते हैं कि एक बोरे में औसतन 48 किलो धान रहता है. एक क्विंटल धान रखने के लिए भी एक से अधिक बोरे की आवश्यकता होती है. इसके विपरीत विभाग द्वारा प्रति क्विंटल धान के लिए केवल 25 रुपये बोरा मद के तहत दिए जाते हैं, अन्य किसी प्रकार का खर्च वहन नहीं किया जाता.
पैक्स अध्यक्षों का कहना है कि अभी तक मिल-ट्रैकिंग नहीं हुई है और बैंक का एग्रीमेंट भी लंबित है. उम्मीद है कि सभी प्रक्रियाएं जल्द ही पूरी की जाएंगी, जिसके बाद किसानों से धान अधि प्राप्ति आरंभ कर दी जाएगी. वहीं, इस संबंध में बीसीओ दीपक सक्सेना से उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन कॉल रिसीव न होने के कारण उनका पक्ष प्राप्त नहीं हो सका.
रिपोर्ट- सोनू सिंह









