45 लाख का टेंडर, व्याप्त कचरे का अंबार, स्थानीय उठा रहे सवाल : क्या दो दिनों में हो पाएगी छठ घाटों की सफाई ?
स्थानीय लोगों का सवाल है कि जब 45 लाख का टेंडर निकाला गया था, तो सफाई अभियान में इतनी लापरवाही क्यों बरती जा रही है. अब तक छठ घाटों की सफाई नहीं हो पाई है और कचरे का ढेर लगा हुआ है.

Naxatra News
गिरिडीह : हिंदू महापर्व छठ की शुरुआत शनिवार के दिन नहाए-खाए के साथ होनी है. यानी दो दिनों के बाद 27 अक्टूबर को संध्या अर्घ्य के लिए व्रतधारियों की भीड़ घाटों में इक्ट्ठा होने लगेगी. साफ-सफाई और बेहतरीन ढंग से छठ पर्व संपन्न हो पाए, इसके लिए गिरिडीह के दर्जनों छठ घाटों की सफाई के लिए टेंडर आवंटित किए गए थे.

स्थानीय लोगों का सवाल इसी पर है कि जब 45 लाख का टेंडर निकाला गया था, तो सफाई अभियान में इतनी लापरवाही क्यों बरती जा रही है. अब तक छठ घाटों की सफाई नहीं हो पाई है और कचरे का ढेर लगा हुआ है.

तंज कसते हुए लोगों ने कहा कि उम्मीद है कि अगले दो दिनों में सफाई पूरी हो जाएगी.
नदी-तालाबों के छठ घाटों का जाएजा लेने Naxatra News की टीम पहुंची, तो पता लगा कि कुछ घाटों की सफाई पूजा समिति के सहयोग से की जा रही है. कुछ चुनिंदा घाटों पर मजदूरों की उपस्थिति भी नजर आई.

बता दें कि पचंबा और बुढ़वा अहार तालाब में कूड़ों का ढेर अब भी लगा हुआ मिला, जबकि सोना अहार तालाब, शिवशक्ति घाट, दीनदयाल छठ घाट आदि घाटों की सफाई कुछ हद तक होती नजर आ रही है.
लेकिन लोगों का सवाल अब भी बना हुआ है कि आखिर कैसे हो पाएगी सफाई अगले दो दिनों में ?









