दिवालिया प्रक्रिया में पहुंची Reliance Home Finance: 30 नवंबर तक संभावित खरीदारों से बोलियां आमंत्रित
कभी अनिल अंबानी की प्रमुख कंपनियों में रही रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) अब दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है. कंपनी ने फॉर्म-G जी जारी करते हुए संभावित खरीदारों से 30 नवंबर तक बोलियां आमंत्रित की हैं. यह कदम समाधान प्रक्रिया के महत्वपूर्ण चरण का संकेत माना जा रहा है.

NAXATRA BUSINESS DESK
नई दिल्ली - एक समय भारत के सबसे अमीर उद्योगपतियों में शामिल रहे अनिल अंबानी की वित्तीय स्थिति आज पूरी तरह बदल चुकी है. 2020 में लंदन की एक अदालत में स्वयं को दिवालिया घोषित करने के बाद अब उनकी कंपनी रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) भी दिवाला प्रक्रिया में प्रवेश कर चुकी है और बिकने के लिए तैयार है.
कंपनी ने 15 नवंबर 2025 को फॉर्म-G प्रकाशित करके संभावित आवेदकों से रुचि पत्र (EOI) मांगे हैं. इच्छुक निवेशक और खरीदार 30 नवंबर 2025 तक अपनी बोलियां जमा कर सकते हैं.
कॉर्पोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया का अहम चरण
RHFL के लिए यह कदम एक महत्वपूर्ण मोड़ है, क्योंकि कंपनी 20 सितंबर 2025 को CIRP (Corporate Insolvency Resolution Process) में प्रवेश के बाद अब आधिकारिक रूप से समाधान की दिशा में आगे बढ़ रही है. फॉर्म-G का प्रकाशन इस बात का संकेत है कि कंपनी की दिवाला प्रक्रिया स्थापित कानूनी ढांचे के अनुरूप आगे बढ़ रही है.
यह आमंत्रण न केवल नए निवेशकों के लिए अवसर पैदा करता है, बल्कि मौजूदा शेयरधारकों और लेनदारों के लिए भी उम्मीद जगाता है कि कंपनी की वित्तीय स्थिति में सुधार लाने की दिशा में सक्रिय पहलें हो रही हैं.
जेपी एसोसिएट्स जैसी कंपनियों के बाद नई बारी
इससे पहले इसी तरह की प्रक्रिया JP Associates के साथ भी देखी गई थी, जहां पहले वेदांता ने ऊंची बोली लगाई थी, लेकिन बाद में संकेत मिले कि क्रेडिटर्स की प्राथमिकता अदाणी ग्रुप की तरफ हो सकती है. अब RHFL के मामले में भी उद्योग जगत की नजर इस पर होगी कि कौन-सी कंपनी या समूह सबसे आकर्षक प्रस्ताव लेकर आता है.
फॉर्म जी - रोजगार और पारिश्रमिक का रजिस्टर सभी प्रतिष्ठानों को फॉर्म जी - रोजगार एवं पारिश्रमिक रजिस्टर रखना होगा। इस रजिस्टर में प्रतिष्ठान का नाम, कर्मचारी का नाम, कार्य की प्रकृति, वेतन अवधि, जुर्माना एवं कटौतियाँ और ओवरटाइम जैसे विवरण दर्ज होते हैं.









