5 साल के बच्चे ने एंबुलेंस बुलाकर बचाई अपनी मां की जान, कॉल पर कहा- 'आइए-आइए...मेरी मम्मी'
बेटे को जब पता चला कि मां को तेज बुखार है तो उसने बिना घबराए फोन उठाकर 108 एंबुलेंस सेवा में कॉल कर दी. जब एंबुलेंस सेवा की तरफ से कॉल रिसीव की गई तो बच्चे ने कहा कि ''मेरी मम्मी की तबीयत खराब है...आइए..आइए...''

Jharkhand (Dhanbad): छोटे बच्चों को इंमरजेंसी सेवाओं की जानकारी देना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. इसका एक अच्छा उदाहरण झारखंड के कोयलांचल (धनबाद) में देखने को मिला है. दरअसल, मात्र 5 साल के एक बच्चे ने इमरजेंसी नंबर 108 एंबुलेंस सेवा पर कॉल करके अपनी मां की जान बचाई. बच्चे की मां की हालत अब ठीक है. आपको बता दें, यह पूरा मामला जिले के बाघमारा स्थित चांदवारी कोलियरी का है. जहां बच्चे द्वारा डायल 108 पर कॉल करने के महज कुछ ही मिनट में एंबुलेंस सेवा मिली. जिससे उसकी मां की जिंदगी बच गई.
जानकारी के अनुसार, रूबी देवी (35 वर्ष) को बीती देर रात अचानक तेज बुखार आया. वह अपने 5 वर्ष के बेटे के साथ घर में थी. वहीं, बेटे को जब पता चला कि मां को तेज बुखार है तो उसने बिना घबराए फोन उठाकर 108 एंबुलेंस सेवा में कॉल कर दी. जब एंबुलेंस सेवा की तरफ से कॉल रिसीव की गई तो बच्चे ने कहा कि ''मेरी मम्मी की तबीयत खराब है...आइए..आइए...'' बच्चे की आवाज सुनकर एंबुलेंस कर्मी भावुक हो गए और वे तुरंत 5 मिनट के भीतर बच्चे के घर पहुंच गए. जिसके बाद कर्मियों ने बच्चे की मां को पहले प्राथमिक उपचार दिया और उसके बाद समय रहते PMCH धनबाद अस्पताल पहुंचाया. जहां उसका इलाज चल रहा है.
फिलहाल बच्चे की मां की तबीयत स्थिर है. जब बच्चे से पूछा गया कि मां को अस्पताल कैसे लाया. तो उसे बड़े ही भोलेपन से जवाब देते हुए कहा 108 गाड़ी से लाया. अपनी मां को बिना घबराए इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाने की खबर से लोग अचंभे में है. लेकिन 108 एंबुलेंस सेवा में बच्चे की कॉल करने, एंबुलेस कर्मियों की सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई से महिला की जान बच पाई. वहीं, यह घटना ना सिर्फ 108 एंबुलेंस सेवा की तत्परता और विश्वसनीयता को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि सरकारी आपातकालीन सेवाएं आम नागरिकों के लिए कितनी जीवनरक्षक साबित हो रही हैं. एंबुलेंस में ऑन डयूटी पायलट राजू कुमार इ एम टी नयन मंडल थे.
रिपोर्ट- रौशन









