छठ के लोकगीत से गुंजायमान हुआ गिरिडीह, उदीयमान सूर्य देव और छठी मैया को अर्घ्य देने के साथ सम्पन्न हुआ महापर्व छठ
महापर्व छठ को लेकर गिरिडीह में पूरा वातावरण छठ के गीतों से गूंज उठा. लोगों में छठ को लेकर आस्था और भक्तिभाव का माहौल दिखा. आज छठ के अंतिम दिन आज छठ व्रतियों ने उदीयमान सूर्य देवता और छठी मैया को अर्घ्य दिया. इसके साथ ही महापर्व छठ का समापन हो गया.

Giridih: जिले में उदीयमान भगवान सूर्य और छठी मैया को अर्घ्य देने के साथ चार दिनों तक चलने वाले लोक आस्था के महापर्व छठ का समापन हुआ. आज सुबह पौ फटने से छठ व्रती जिले के अलग-अलग तालाबों, छठ घाटों पर सिर पर छठ का डाला लेकर पहुंचे और सूर्योदय के समय उगते हुए सूर्य भगवान को उन्होंने दूध और जल से अर्घ्य दिया. 
शहर के हर इलाके और चौक-चौराहों पर छठ गीतों के गुंजायमान से माहौल भक्तिमय रहा. शहर के प्रमुख छठ घाटों और ग्रामीण इलाकों के छठ घाटों में भारी संख्या में सूर्योदय से पहले व्रतियों की भीड़ जुटी. और इस दौरान सभी व्रतियों ने उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया.

चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ के अंतिम और चौथे दिन आज (28 अक्टूबर 2025, मंगलवार) उदीयमान सूर्य और छठी मैया को अर्घ्य देने के साथ ही इस महापर्व का समापन हो गया. इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला व्रत भी आज संपन्न हो गया.

आस्था के महापर्व को लेकर व्रतियों में आस्था और उत्साह एक साथ देखने को मिला. लालिमा बिखरते सृष्टि के प्रत्यक्ष देव भगवान सूर्य ज़ब उदय होना शुरू हुए, व्रतियों ने फल से भरे डाला लेकर भगवान सूर्य और छठ मैया को अर्घ्य दिया. 
इस दौरान व्रतियोंन ने अपने परिवार की सुख समृद्धि और निरोगी काया का आशीर्वाद और संतान के बेहतर स्वास्थ्य, लंबी उम्र और जीवन में नई ऊर्जा के लिए कामना की. सूर्य देव और छठी मैया को अर्घ्य देने के दौरान व्रतियों ने भक्तों की भीड़ को सिंदूर का तिलक लगाया और उनका आशीर्वाद लिया. और महापर्व का प्रसाद ठेकुआ देकर लोगों को आशीर्वाद दिया.

रिपोर्ट- मनोज कुमार पिंटू









