रांची के लाल 'MSD' ने रखा टेक्नोलॉजी की दुनिया में कदम
रांची के लाल महेंद्र सिंह धोनी ने अब अपनी एक नई पहचान बनाई है. धोनी ने DGCA से सर्टिफाइड ड्रोन पायलट लाइसेंस हासिल कर ली है.

क्रिकेट लीजेंड और रांची के लाल महेंद्र सिंह धोनी ने अब अपनी एक नई पहचान बनाई है. क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी वह नई चुनौतियों और तकनीक में रुचि दिखाते रहे हैं. इसी कड़ी में धोनी ने DGCA (Directorate General of Civil Aviation) से सर्टिफाइड ड्रोन पायलट लाइसेंस हासिल कर टेक्नोलॉजी की दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है.
DGCA सर्टिफिकेशन: प्रक्रिया और महत्व
DGCA का सर्टिफिकेशन भारत में ड्रोन ऑपरेशन के लिए अनिवार्य है. इसे पाने के लिए उम्मीदवारों को सैद्धांतिक और प्रैक्टिकल प्रशिक्षण पास करना होता है. इसके साथ ही ड्रोन उड़ाने वाले पायलट को नियम, सुरक्षा प्रोटोकॉल और तकनीकी जानकारी में दक्षता साबित करनी होती है. धोनी ने यह परीक्षा सफलता पूर्वक पास कर ली है और अब वह भारत में कायदे से ड्रोन उड़ाने के अधिकारी बन गए हैं.
धोनी के सोशल मीडिया पोस्ट पर फैंस की प्रतिक्रिया
धोनी ने सोशल मीडिया के जरिए अपने इस नए अनुभव को साझा किया. उन्होंने लिखा कि ड्रोन उड़ाना हमेशा से उनकी रुचि का हिस्सा रहा है. फैंस ने उनके इस कदम की जमकर सराहना की है और इसे उनके सीखने और नए क्षेत्रों में आगे बढ़ने की क्षमता का प्रमाण माना है.
युवाओं के लिए प्रेरणा
विशेषज्ञों का कहना है कि धोनी जैसे बड़े नाम का DGCA सर्टिफिकेशन हासिल करना युवा वर्ग के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा. यह दिखाता है कि खेल के बाद भी नई तकनीकों में खुद को अपडेट करना और नए करियर विकल्प तलाशना संभव है.
भविष्य की संभावनाएं
धोनी के ड्रोन सर्टिफिकेशन से जुड़ी यह खबर न सिर्फ क्रिकेट प्रेमियों में उत्साह बढ़ा रही है, बल्कि टेक्नोलॉजी और उड्डयन के क्षेत्र में युवाओं की रुचि भी जगाएगी. यह देखना रोचक होगा कि धोनी इस नए कौशल का उपयोग व्यावसायिक या व्यक्तिगत प्रोजेक्ट्स में कैसे करेंगे.








