नार्को-आतंक के बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ ! भगौड़ा फौजी को पंजाब और मोतीहारी पुलिस ने दबोचा
पुलिस ने हरियाणा के सिरसा थाने पर हमले की बड़ी साजिश रचने वाले भगौड़े फौजी को दबोच लिया है. गिरफ्तार फौजी का नाम राजवीर सिंह है. गिरफ्तार करते हुए पुलिस ने इसके पास से हैंड ग्रेनेड और 500 ग्राम का हेरोइन बरामद किया है.

Bihar (Motihari): पंजाब और बिहार की मोतीहारी पुलिस ने संयुक्त रुप से एक बड़ा ऑपरेशन चलाते हुए नार्को-आतंक के खतरनाक नेटवर्क का पर्दाफाश किया है बता दें, पुलिस ने हरियाणा के सिरसा थाने पर हमले की बड़ी साजिश रचने वाले भगौड़े फौजी को दबोच लिया है. गिरफ्तार फौजी का नाम राजवीर सिंह है. गिरफ्तार करते हुए पुलिस ने इसके पास से हैंड ग्रेनेड और 500 ग्राम का हेरोइन बरामद किया है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, राजवीर सिंह पाकिस्तान के आतंकी-तस्कर नेटवर्ट से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ था. वह सेना से फरार था और इसे पंजाब और मोतीहारी पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चलाकर बिहार के मोतिहारी जिले स्थित इंडो-नेपाल रक्सौल बॉर्डर से गिरफ्तार किया है जो इंडो-नेपाल रक्सौल के रास्ते से देश छोड़कर भागने के फिराक में था.वहीं राजवीर की तलाशी के दौरान पुलिस ने 500 ग्राम हेरोइन और एक हैंड ग्रेनेड बरामद किया है.
राजवीर का सहयोगी पहले ही हो चुका है गिरफ्तार
बता दें, इससे पहले पंजाब पुलिस ने उसके सहयोगी चिराग को गिरफ्तार किया था, जो फाजिल्का के काशी राम कालोनी का निवासी है. इसके पास से पुलिस ने 407 ग्राम हेरोइन और एक 9 एमएम पिस्टल बरामद की थी. जांच में यह भी सामने आया है कि चिराग राजवीर के लिए कूरियर का काम करता था.
फरवरी 2025 में सेना से फरार हुआ था राजवीर
पंजाब पुलिस की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार, राजवीर सिंह ने वर्ष 2011 में भारतीय सेना ज्वाइन की थी. वर्ष 2025 में अमृतसर ग्रामीण के घरिंडा थाने में आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत दर्ज जासूसी के मामले में नाम आने के बाद फरवरी 2025 में सेना से वह फरार हो गया था.
जांच में यह भी सामने आया है कि दोनों आरोपितों का हरियाणा के सिरसा में महिला पुलिस थाने पर हुए ग्रेनेड हमले की साजिश में भी हाथ था. राजवीर और चिराग ने अमृतसर ग्रामीण निवासी गुरजंत सिंह को हैंड ग्रेनेड मुहैया कराए थे. गुरजंत को हरियाणा पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. जानकारी के अनुसार, हमले के लिए चिराग के जरिए आर्थिक मदद पहुंचाई गई थी, जिसे आगे हमलावरों तक पहुंचाया गया.
पंजाब एसएसओसी की एआईजी डी सुदरविझी ने बताया कि वर्ष 2022 में राजबीर इंटरनेट मीडिया के जरिए पाकिस्तान स्थित हैंडलरों के संपर्क में आया था. हेरोइन की खेपों तक पहुंच के बदले वह संवेदनशील और गोपनीय सैन्य जानकारियां साझा कर रहा था. इतना ही नहीं उसने अन्य सैन्य कर्मियों को भी इन हैंडलरों से मिलवाया था.
नेपाल में छिपकर कर रहा था नशे की तस्करी
वहीं, मामला दर्ज होने के बाद राजवीर नेपाल में छिप गया और उसने पंजाब-नेपाल के बीच आवाजाही करते हुए नशा तस्करी जारी रखी. उसके पाकिस्तान स्थित हैंडलर उसे नेपाल के रास्ते यूरोप भेजने की तैयारी में थे. फिर एक बार इंडो-नेपाल रक्सौल बॉर्डर के रास्ते देश से भागने के दौरान पंजाब और मोतीहारी पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चलाते हुए राजवीर को गिरफ्तार कर लिया और उसे ट्रांजिट रिमांड पर पंजाब लाया गया है.
रिपोर्ट- प्रतिक सिंह









