"अनंत शस्त्र" के निर्माण का ऐलान, वायु रक्षा प्रणाली होगी मजबूत
अनंत शस्त्र सतह से हवा तक के मारक क्षमता वाली मिसाइल प्रणानी है. ये रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित है. जिसके निर्माण के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) को लगभग 30,000 करोड़ रुपये की रिक्वेस्ट फॉर प्रॉपोजल भी जारी की गई है.

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Ranchi Desk:अनंत शस्त्र सतह से हवा तक के मारक क्षमता वाली मिसाइल प्रणाली है. ये रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित है. जिसके निर्माण के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) को लगभग 30,000 करोड़ रुपये की रिक्वेस्ट फॉर प्रॉपोजल भी जारी की गई है.
इसे 8x8 उच्च गतिशीलता वाले वाहनों पर माउंट कर रेगिस्तानी इलाकों में तैनात किया जा सकता है.
इसका प्राथमिक उद्देश्य टैंकों, इन्फैंट्री कॉम्बैट वाहनों और तोपखाने जैसे यांत्रिक बलों को गतिशीलता के दौरान हवाई खतरों से बचाना है.
बताया जा रहा है कि इसकी तैनाती भारत के पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर करने की योजना बनाई जा रही है.
सेना में इसके शामिल होने से वायु रक्षा प्रणाली सुदृढ़ होगी.
रेंज व ऊंचाई
- 30 से 40 किमी. दूरी तक की मारक क्षमता
- 6 से 10 किमी. की ऊंचाई तक लक्ष्यों को निष्प्रभावित करने में सक्षम
लचीलापन
- इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग के प्रति प्रतिरोधी है, जो शत्रुतापूर्ण परिस्थितियों में भी विश्वश्नीयता सुनिश्चित करता है.
एकीकरण
सेना के आकाशतीर कमांड एंड कंट्रोल एंड नेटवर्क के साथ जुड़ा हुआ.
सेना को कैसे मिलेगी मदद
- वायु रक्षा का आधुनिकीकरण
- नए खतरों से सुरक्षा
- अग्रिम पंक्ति में सैनिकों के साथ चलता है, जिससे वास्तविक समय में युद्धक्षेत्र कवरेज सुनिश्चित करता है.
भविष्य की राह
- यह भारत की तकनीकी नवाचार को रणनीतिक आवश्याकता के साथ जोड़ने की क्षमता को दर्शाता है. जिससे सैनिकों, टैंको और तोपखाने एक मजबूत मोबाइल कवच के साथ सुरक्षित रहें.








