रांची के कांटा टोली में दलित परिवार से जबरन छीना गया घर, न्याय की गुहार में दरवाजे पर धरना
कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा दलित परिवार का घर कब्जे में लेकर सदस्यों को घर से बाहर निकाल दिया गया. कांटा टोली में बचा है अब बस एक ही दलित परिवार.

रांची: राजधानी के कांटा टोली इलाके में एक दलित परिवार का घर और जमीन कुछ असामाजिक तत्वों ने जबरन कब्जा कर लिया है. पीड़ित छोटू राम ने बताया कि उन्हें और उनके परिवार को धमकाकर घर से बाहर निकाल दिया गया. अब पूरा परिवार अपने बच्चों समेत दरवाजे पर धरने पर बैठा है.
छोटू राम का कहना है—
“हम तब तक यहां से नहीं उठेंगे जब तक हमें हमारा घर और सुरक्षा वापस नहीं मिल जाती.”
परिवार का आरोप है कि उन्होंने स्थानीय थाना और प्रशासन से कई बार गुहार लगाई, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. उनका कहना है कि कब्जाधारियों को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है, जिसके कारण पुलिस चुप है.
कांटा टोली में सिर्फ एक दलित परिवार बचा
स्थानीय लोगों के मुताबिक, पूरे कांटा टोली क्षेत्र में अब यह एकमात्र दलित परिवार बचा है. बाकी परिवार पहले ही धमकियों और दबाव के कारण इलाका छोड़ चुके हैं. अब इस परिवार को भी इलाके के कुछ दबंग और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भागने के लिए मजबूर कर रहे हैं.
सरकार दलित विरोधी: अमर कुमार बावरी
मामले पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बावरी ने कहा कि झारखंड सरकार दलित विरोधी है. उन्होंने कहा - “अगर राजधानी रांची में दलित परिवार सुरक्षित नहीं है, तो राज्य के बाकी हिस्सों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है. बीजेपी दलितों की आवाज हमेशा उठाती रही है.”
बावरी ने मांग की कि सरकार तत्काल इस मामले में संज्ञान लेकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाए और दोषियों पर कार्रवाई करे.
परिवार की मांगें
छोटू राम और उनके परिजनों ने सरकार और प्रशासन से पाँच प्रमुख मांगें रखी हैं —
- कब्जाधारियों को हटाकर घर वापस दिलाया जाए.
- परिवार को स्थायी सुरक्षा दी जाए.
- दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो.
- घटना की जांच न्यायिक स्तर पर हो.
- दलित आयोग और मानवाधिकार आयोग स्वतः संज्ञान लें.









