Ranchi के मोरहाबादी में अंतर्राष्ट्रीय खेल महाकुंभ का आगाज, शाम 6 बजे उद्घाटन करेंगे CM हेमंत सोरेन
24 अक्टूबर 2025 से राजधानी रांची के मोरहाबादी स्थित बिरसा मुंडा स्टेडियम में आयोजित हो रहे अंतर्राष्ट्रीय खेल महाकुंभ आज बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उद्घाटन करेंगे. यह टूर्नामेंट 26 अक्टूबर 2025 तक चलेगा.

Sports News: अंतर्राष्ट्रीय खेल महाकुंभ ''4th साउथ एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025'' की मेजबानी के लिए राजधानी रांची सजधज कर पूरी तरह से तैयार है. इसका आज शुक्रवार यानी 24 अक्तूबर को शुभारंभ हो रहा है जिसका उद्घाटन आज शाम करीब 6 बजे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे. यह चैंपियनशिप राजधानी रांची के मोरहाबादी स्थित बिरसा मुंडा फुटबॉल स्टेडियम में आगामी 26 अक्तूबर 2025 तक चलेगा.
उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान करीब 500 कलाकार झारखंड की लोककला नृत्य, जनजातीय विरासत की झलक पेश करेंगे. बता दें, रांची करीब 15 वर्षों बाद फिर से किसी बड़े अंतर्राष्ट्रीय खेल की मेजबानी कर रहा है. इस टूर्नामेंट में 6 दक्षिण एशियाई देश (मेजबान भारत के साथ बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, मालदीव और श्रीलंका) से करीब 300 एथलीट, कोच और तकनीकी अधिकारी शामिल होंगे. तीन दिन तक चलने वाले इस टूर्नामेंट में कुल 37 स्पर्धाओं में पदक के लिए खिलाड़ी मुकाबले करेंगे. वहीं, इस टूर्नामेंट को लेकर राजधानी को “Where Culture Meets Courage” थीम पर आकर्षक रुप से सजाया गया है.
4th साउथ एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 को AFI (एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया), झारखंड सरकार और JOA (झारखंड ओलंपिक एसोसिएशन) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कराई की जा रही है. जो झारखंड राज्य को उभरते हुए एक स्पोर्ट्स हब के रूप में स्थापित करने की दिशा की ओर अहम कदम है. इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम में 73 खिलाड़ी, श्रीलंका से 63, नेपाल से 27, बांग्लादेश से 20, मालदीव से 15 और भूटान से 8 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं.
टूर्नामेंट के शुरू होने से एक दिन पूर्व झारखंड खेल मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने बिरसा मुंडा स्टेडियम पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि एक दशक के बाद झारखंड को बड़े आयोजन की मेजबानी मिली है. हमारी कोशिश है कि चौथे सैफ एथेलेटिक्स से झारखंड का नाम बने और यादगार बने. हर पहलुओं पर विचार कर के तैयारी की गई है. इस टूर्नामेंट में देश के 5 नामचीन खिलाड़ी मौजूद है. सभी अपने अपने क्षेत्र में पारंगत है. खिलाड़ियों से आग्रह है कि वे पूरी निष्ठा के साथ खेलें और सद्भावना का दूत बनकर वापस लौटे.









