भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रसिद्ध गायक पंडित छन्नूलाल मिश्रा ने दुनिया को कहा अलविदा
छन्नूलाल मिश्रा कई स्वास्थ्य समस्याओं जैसे टाइप-2 डायबिटीज, हाई बीपी (Hypertension), ऑस्टियोआर्थराइटिस और बीनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH) से जूझ रहे थे. उन्हें तीव्र श्वसन संकट सिंड्रोम (ARDS) भी था जो महामारी कोरोना काल के बाद और बढ़ गई. पिछले कुछ महीनों से वे बिस्तर पर पड़े थे.

Naxatra News Hindi
Ranchi Desk:भारतीय शास्त्रीय संगीत के महान गायक पंडित छन्नूलाल मिश्रा ने दुनिया को अलविदा कह दिया है. वे 91 वर्ष के थे और पिछले लंबे समय से बीमार चल रहे थे उन्होंने आज गुरुवार यानी 2 अक्तूबर 2025 की अहले सुबह करीब 4.15 बजे वाराणसी स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली. क्लासिकल सिंगर पंडित छन्नूलाल मिश्रा के निधन से देश में शोक की लहर है.
बता दें, शास्त्रीय संगीत गायक छन्नूलाल मिश्रा मूल रुप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के हरिहरपुर गांव के रहने वाले थे. उन्होंने शास्त्रीय संगीत की खातिर वाराणसी को ही अपना कर्मस्थली बना लिया था.
जानकारी के अनुसार, छन्नूलाल मिश्रा के निधन की वजह उनकी बीमारी है. वे कई स्वास्थ्य समस्याओं जैसे टाइप-2 डायबिटीज, हाई बीपी (Hypertension), ऑस्टियोआर्थराइटिस और बीनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (BPH) से जूझ रहे थे. उन्हें तीव्र श्वसन संकट सिंड्रोम (ARDS) भी था जो महामारी कोरोना काल के बाद और बढ़ गई. पिछले कुछ महीनों से वे बिस्तर पर पड़े थे. उन्हें सितंबर 2025 में ही बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के अस्पताल में एडमिट कराया गया था. जहां इलाज के दौरान कई दिनों तक उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था.
अपनी गायकी से दुनिया भर में कमाया नाम
पंडित छन्नूलाल मिश्रा बनारस घराने के प्रमुख गायक थे. उनकी ठुमरी, खयाल, चैती और कजरी गायकी ने दुनिया भर में नाम कमाया. किराना घराने के उस्ताद अब्दुल घानी खान से शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने पूर्वांग शैली को नई पहचान दी. पद्म भूषण (2009) और पद्म विभूषण (2021) जैसे सम्मानों से सम्मानित पंडित जी ने संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार भी जीता. वे तबला वादक पंडित अनोखेलाल मिश्रा के दामाद थे और उनके बेटे रामकुमार मिश्रा भी संगीतकार हैं.









