नवरात्रों में भक्तों को स्वाभाविक मुद्रा में मिलता है गिरिडीह की "बड़ी मां" का आर्शीवाद
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नवरात्रों में भक्तों को स्वाभाविक मुद्रा में मिलता है गिरिडीह की "बड़ी मां" का आर्शीवाद
महाष्टमी और नवमी को मां का आकर्षक व तेज मुखमंडल की आभा धैर्य के साथ जीवन जीने का संदेश देने के मुद्रा में रहता है विजयादशमी को माता के अलौकिक मुखमंडल की आभा अत्यंत शांत , सौम्य और अपनों से बिछुड़ने की पीड़ा दर्शाती दिखायी देती है
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