घाटशिला में है उच्च क्वालिटी के तांबा का भंडार, लेकिन बंद पड़ा कारखाना अब केवल स्मृति में ही शेष
घाटशिला में है उच्च क्वालिटी के तांबा का भंडार, लेकिन बंद पड़ा कारखाना अब केवल स्मृति में ही शेष , भारत में सबसे पहले तांबा का खनन और तांबा प्रगलन के कारखाना घाटशिला में 20 वीं सदी में शुरू किए गए थे.

Naxatra news
रांची : घाटशिला केवल झारखंड का एक विधानसभा क्षेत्र के रूप में ही नहीं जाना जाता, इसकी पहचान राष्ट्रीय स्तर पर भी है. दरअसल घाटशिला को तांबा उद्योग के लिए भी जाना जाता है. भारत में सबसे पहले तांबा का खनन और तांबा प्रगलन के कारखाना घाटशिला में 20 वीं सदी में शुरू किए गए थे. यहां जानकारी मिलती है कि अंग्रेजी हुकूमत के समय वर्ष 1923 में सबसे पहले तांबा की खुदाई शुरू हुई. आजादी के बाद हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के नाम कारखाना स्थापित किया गया. घाटशिला और उसके आसपास के क्षेत्र में तांबा के प्रचुर मात्रा में खदानें हैं.
कहा जाता है कि देश में सबसे उच्च क्वालिटी के तांबा यहीं पर मिलते हैं. तांबा के साथ यहां खदानों में सोना और चांदी भी काफी मात्रा में है. लेकिन दुर्भाग्य है कि पिछले कई सालों से हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड बंद पड़ा हुआ है. कारखाना में केवल 20% कार्य ही हो रहे हैं. हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के कारखाने के ज्यादातर कल पुर्जे पुराने हो चुके हैं. सरकार इस कंपनी को पूर्ण रूप से चालू करने की मंशा नहीं रखती है इसलिए इस क्षेत्र में जब भी चुनाव होता है, तो लोग इस मुद्दे को बढ़-चढ़कर उठाते हैं.
अगर घाटशिला के हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड को पूर्ण रूप से चालू कर दिया गया तो केवल घाटशिला ही नहीं आसपास के चार-पांच विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए रोजगार आसानी से मुहैया कराया जा सकता है.




