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नेत्रदान अनुष्ठान के बाद भक्तों को दर्शन दे रहे भगवान जगन्नाथ, कल रथ पर होंगे सवार

26-06-2025 - 06:26 PM
Naxatra News Hindi 
Ranchi Desk: राजधानी रांची के धुर्वा स्थित ऐतिहासिक जगन्नाथपुर मंदिर में भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है, भक्त बड़े ही भक्ति के साथ भगवान जगन्नाथ दर्शन कर रहे हैं. बता दें, पिछले 15 दिनों के अज्ञातवास के बाद भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ आज गुरुवार (26 जून 2025) की शाम 5 बजे से भक्तों को दर्शन रहे हैं.  

आपको बता दें, आज सुबह स्नान मंडप में भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना की गई. और हलुए का भोग लगाया गया. वहीं दोपहर 12 बजे अन्न भोग अर्पित किया गया और इसके साथ ही मंडप का पट बंद कर दिया गया. इसके बाद दोपहर 3 बजे फिर से मंडप का पट खोला गया. इस दौरान भक्तों ने राधा-कृष्ण सहित कई अन्य देवी देवताओं के दर्शन किए इसके उपरांत शाम करीब 4 बजे दर्शन बंद कर दिए गए और इस बीच भगवान जगन्नाथ उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा को स्नान मंडप में विराजमान किया गया. और इसके बाद नेत्रदान अनुष्ठान और 108 दीपों की मंगल महाआरती के साथ भगवान जगन्नाथ अब अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा संग भक्तों को दर्शन दे रहे हैं.  बता दें, भक्त रात के करीब 9 बजे पूजा और दर्शन करेंगे चलेगा. इसके बाद भगवान को भोग लगाकर फिर से पट बंद कर दिए जाएंगे. 

कल रथ में विराजमान होंगे भगवान जगन्नाथ
बता दें, भगवान जगन्नाथ कल शुक्रवार (27 जून 2025) को रथ पर सवार होकर मंदिर से बाहर निकलेंगे. यानी कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा 27 जून 2025 को कल निकाली जाएगी. इस दिन अहले सुबह चार बजे भगवान जगन्नाथ की पूजा शुरू होगी इसके बाद साढ़े 4 बजे उन्हें विशेष भोग चढ़ाया जाएगा. एक एकमात्र ऐसा दिन होगा जब भगवान जगन्नाथ को सुबह-सुबह भोग (चावल, दाल, सब्जी, मीठा पुलाव और खीर) लगाया जाएगा.

इस दिन सुबह 5 बजे से सभी भक्त भगवान के दर्शन कर सकेंगे. दोपहर 12 बजे पूजा-अर्चना के बाद फिर से पट बंद कर दिए जाएंगे. इसके बाद भगवान के विग्रहों को रथ में विराजमान कराया जाएगा. विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ होगा, फिर मंगल आरती और रस्सा बंधन के साथ रथ की यात्रा शुरू की जाएगी.

देखें ,क्या हैं अनुष्ठान की रूपरेखा
सुबह: स्नान मंडप में भगवान की पूजा-अर्चना हुई, इसके बाद हलुए का भोग लगाया गया.
अन्न भोग के साथ दोपहर 12 बजे मंडप का पट बंद हुआ
दोपहर 3 बजे पट फिर से खोले जाएंगे इसके बाद राधा-कृष्ण और कई अन्य देवी- देवताओं के दर्शन होंगे.
शाम 4 बजे दर्शन बंद किए जाएंगे इसके बाद भगवान जगन्नाथ को स्नान मंडप में विराजमान किया जाएगा.
शाम 5 बजे नेत्रदान अनुष्ठान शुरू होगा, जिसमें धूप आरती और मालपुआ का भोग लगाया जाएगा.
शाम 5 बजे से रात करीब 9 बजे तक 108 दीपों से भव्य मंगल आरती के साथ भक्त भगवान जगन्नाथ उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के दर्शन और पूजा कर सकेंगे. 

27 जून को रथ पर सवार होंगे भगवान जगन्नाथ
अहले सुबह 4 बजे विशेष पूजा शुरु होगी. 
4:30 बजे अन्न भोग लगाया जाएगा. 
5 बजे से सभी भक्त और श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे. इसके बाद दोपहर 12 बजे पट बंद कर दिया जाएगा. 
2:30 बजे तक भगवान जगन्नाथ के विग्रहों को रथ पर विराजमान किया जाएगा.
3 बजे भगवान का श्रृंगार-पूजन होगा.
3:30 से 4:30 बजे तक विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ किया जाएगा. 
5 बजे रथ यात्रा शुरू कर दी जाएगी. रथ शाम 6 बजे मौसीबाड़ी पहुंचेगा.
6:45 बजे: महिला श्रद्धालुओं द्वारा पूजा अर्चना की जाएगी. 
7 बजे: दर्शन बंद और विग्रहों की प्रतिष्ठा.
8 बजे 108 दीपों से शयन आरती की जाएगी

मौसीबाड़ी में महिलाएं करेंगी विशेष पूजा
रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ को खींचकर मौसीबाड़ी ले जाया जाएगा. इसके बाद मौसीबाड़ी में महिलाओं द्वारा विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी. आरती, भोग और ‘जगन्नाथ अष्टकम’ का पाठ किया जाएगा इसके बाद रात 9 बजे के बाद पट बंद कर दिया जाएगा और भगवान विश्राम करेंगे. 
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14-07-2025

Naxatra News Hindi
Ranchi Desk:
हिंदू धर्म में सावन के पवित्र महीने को बेहद खास माना जाता है. दरअसल, यह महीना देवों के देव महादेव (बाबा भोलेनाथ) को समर्पित होता है और इस महीने में पड़ने वाले सोमवाराफी महत्वपूर्ण माना जाता हैं कहा जाता है कि भगवान भोले को सोमवार का दिन अति प्रिय होते है. मान्यता है कि इस दिन शिवभक्त श्रद्धापूर्वक व्रत रखकर उन्हें सिर्फ जल अर्पित करते हुए विधिवत पूजा कर दें तो भी वे अति प्रसन्न होते है. और अपने भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण कर देते हैं.

सोमवारी व्रत और विधिवत पूजा कर बाबा भोलेनाथ को जलार्पित करने से भक्तों को उनके जीवन की बड़ी-बड़ी बाधाओं से मुक्ति मिलती है. सावन सोमवारी का यह पूजा स्पेशली उन लोगों के लिए फलदायक मानी जाती है जो अपने स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रहे हों, शादी में देरी की समस्या से परेशान और आर्थिक तंगी या फिर दरिद्रता से घिर गए हों.

देवघर, रांची के ऐतिहासिक मंदिर सहित विभिन्न शिवालयों में उमड़े भक्त
देवनगरी देवघर की बात करें तो सावन के चौथे दिन आज पहली सोमवारी को अहले सुबह 04:12 बजे मंदिर का पट खुलते ही जलार्पण शुरू हो गया. रात्रि से कतारबद्ध श्रद्धालुओं की कतार आज चमारीडीह पुल तक पहुंची. इसके अलावे जलार्पण शुरू होते ही शिवभक्तों की गूंज से रूट लाईन गुंजायमान हो गया. इस दौरान सभी कांवरिया कतारबद्ध होकर बाबा का जयघोष करते हुए निरंतर आगे बढ़ते गए.



इधर, सावन की पहली सोमवारी पर आज 14 जुलाई 2025 को झारखंड के देवनगरी देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर, रांची स्थित पहाड़ी मंदिर इसके अलावे राजधानी और राज्यभर के शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है. लोग काफी संख्या में मंदिर पहुंचकर बाबा भोलेनाथ को जलाभिषेक करते हुए उनकी आराधना कर रहे हैं. आज अहले सुबह 3 बजे सरकारी पूजा के बाद अरघा सिस्टम से भक्त जलाभिषेक कर रहे हैं. मंदिर में श्रद्धालुओं की उमड़ती भीड़ को देखते हुए पुलिस बल के जवानों को तैनात किया गया है. सदर SDM उत्कर्ष कुमार खुद पल पल की अपडेट ले रहे हैं.

सावन की पहली सोमवारी को लेकर मंदिर परिसर में पहाड़ी मंदिर विकास समिति और जिला प्रशासन की ओर से संयुक्त रुप से सुरक्षा की व्यवस्था की गई है. क्षेत्र को सीसीटीवी कैमरे से खास निगरानी रखी जा रही है. बाबा भोलेनाथ के जलाअभिषेक के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है बता दें, आज शाम 5.15 बजे नीचे मुख्यद्वार पर पहाड़ी बाबा की भव्य संध्या आरती की जाएगी. इसके साथ ही रांची के चुटिया स्थित सुरेश्वर धाम में भी काफी संख्या में शिव भक्त पहुंच रहे हैं. हर-हर महादेव के उद्घोष के बीच श्रद्धालुओं ने शिवलिंग में जलाभिषेक कर सुख-समृद्धि की कामना कर रहे हैं. मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी है. श्रद्धालु शिवालयों में गंगाजल, दूध, दही से जलाभिषेक कर बेलपत्र, चावलपुष्प से भगवान शिव की पूजा कर रहे है.

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