सत्यव्रत किरण / Naxatra News Hindi
Ranchi Desk: राजनीति में कहा जाता है कि हर तस्वीर कुछ कहती है ठीक वैसे ही जैसे बीजेपी के आक्रोश प्रदर्शन में लगा 'बैनर' मानो चिल्ला-चिल्लाकर कह रही हो कि कल तक जो आरोपी थे आज वो उनकी शोभा बढ़ा रहे हैं. मधु कोड़ा पर कभी बीजेपी ने नैतिकता की तलवार चलाई थी अब उन्हीं को बगल में बैठाकर पार्टी नैतिकता का प्रवचन भी देगी.
भ्रष्टाचार और प्रशासनिक विफलता के खिलाफ BJP का आक्रोश प्रदर्शन ज़ोर-शोर से हुआ, लेकिन जो सबसे ज़्यादा आक्रोशित दिखा — वो BJP का पोस्टर...जी हां, BJP के आधिकारिक बैनर में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की तस्वीर ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. वही मधु कोड़ा, जिनपर BJP ने कभी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे. अब वहीं नेताजी BJP के दिग्गज नेताओं के बीच पोस्टर पर विराजमान दिखे...मुस्कुराते हुए और शालीन मुद्रा में.
बीजेपी के कई पुराने और निष्ठावान कार्यकर्ता भी इस पोस्टर को देखकर हैरान रह गए. कुछ तो खुसुर-फुसुर करते नजर आएं. कि कोड़ा जी कौन से दरवाजे से आए. क्या BJP में अब पोस्टर से सदस्यता मिलेगी ?

इन सबके बीच मजे की बात तो ये हैं कि BJP ने न तो उनकी सदस्यता का कभी ऐलान किया है और न ही कोड़ा जी ने कभी BJP का झंडा थामा हैं फिर तस्वीर कहां से आई ? क्या BJP में अब “Silent Entry” का नया प्रावधान शुरू हो गया है ? पोस्टर देखकर कई पुराने कार्यकर्ता तक हैरान हो गए... "भ्रष्टाचार हटाओ" बोलने वाली पार्टी अब 'भ्रष्टाचार के प्रतीक' को पोस्टर में जगह दे रही है ?"
राजनीतिक गलियारों में कहा जा रहा है कि ये BJP की "सुविधा अनुसार नैतिकता" है. मतलब जो कभी विरोधी था, अब अगर उपयोगी हो जाए तो उसका इतिहास पोस्टर के फ्रेम से बड़ा नहीं होता. और अगर ये बस एक बैनर डिज़ाइनर की गलती थी, तो BJP के नारे पर ही सवाल उठता है कि "पोस्टर तक की जांच नहीं कर सकते, तो भ्रष्टाचार की बात किस मुंह से ?"
अगर आप भी बैनर में नजर डाले तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा, अन्नापूर्णा देवी, संजय सेठ, अर्जुन मुंडा, चंपाई सोरेन रघुवर दास, रवींद्र राय और बाबूलाल मरांडी जैसे बड़े नेताओं की फोटो लगी है. जिसमें अर्जुन मुंडा और चंपाई सोरेन दोनों नेताओं के बीच में मधु कोड़ा की मुस्कुराती हुई तस्वीर कई सवालें खड़ी कर रही है. बीजेपी के बैनर की ये पहेली हर कोई सुलझाने की कोशिश कर रहा है कि पोस्टर गलती से कहीं सच तो नहीं बोल गया.