Naxatra News Hindi
Ranchi Desk: सरहद पर जब गोलियों की आवाज गूंजती हैं तो देश के भीतर, लोगों के दिलों की धड़कनें भी तेज हो जाती है. इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है जिससे देशवासियों की धड़कनें और तेज हो जाएगी. दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ लगातार बढ़ रहे तनाव के मद्देनजर सिविस डिफेंस मॉक ड्रिल का निर्देश दिया है.
बता दें, गृह मंत्रालय ने 5 मई को ही देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि 7 मई 2025 को व्यापक स्तर पर “सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल” (Civil Defense Mock Drill) का आयोजन किया जाए. भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने देशव्यापी नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है जिससे युद्ध जैसे हालात में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित किया जा सकें.
झारखंड के 5 जिलो में होगा मॉक ड्रिल
केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद इधर, झारखंड के 6 जिलों में भी युद्ध को लेकर मॉक ड्रिल किया जाएगा. इसे लेकर चीफ सेक्रेट्री ने आज मंगलवार (6 मई 2025) की शाम 4 बजे प्रोजेक्ट भवन में बैठक बुलाई है. जिसमें राज्य के वरीय पुलिस पदाधिकारी समेत कई जिलों के डीसी और एसपी मौजूद रहेंगे. बता दें, देशभर के 244 जिलों समेत झारखंड के 6 जिलों (रांची, जमशेदपुर,बोकारो, गोमिया, साहिबगंज और गोड्डा) में यह मॉक ड्रिल होगा. मॉक ड्रिल को लेकर सभी राज्यो के होम सेक्रेटरी और पुलिस पदाधिकारियों के साथ VC बैठक भी हो चुकी है.
मॉक ड्रिल में युद्ध सायरन बजेंगे और सुरक्षा तकनीक सिखाई जाएगी. इसे लेकर देश के कई राज्यों के जिलों में मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी. जिसमें संभावित खतरे को देखते हुए मॉक ड्रिल कर सिविल डिफेंस की तैयारियों का आंकलन होगा. आपको बता दें, अंतिम बार वर्ष 1971 में मॉक ड्रिल हुआ था.
जानें मॉक ड्रिल में क्या होगा खास ?
जानकारी के लिए बता दें, इस मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का संचालन, स्कूलों और रिहायशी इलाकों में नागरिकों को हमले की स्थिति में सुरक्षा उपायों का प्रशिक्षण देना, संपूर्ण ब्लैकआउट की प्रक्रिया की जांच और आपातकालीन निकासी योजनाओं का परीक्षण, बंकरों व खाइयों की सफाई जैसे अभ्यास किए जाएंगे. युद्ध सायरन एक विशेष प्रकार का वॉर्निंग सिस्टम होता है, जिसकी आवाज तेज और कंपनयुक्त होती है, जिससे यह सामान्य हॉर्न या एंबुलेंस की आवाज से अलग पहचाना जा सकता है.