Naxatra News Hindi
Ranchi Desk: 22 अप्रैल 2025 को कायराना आतंकियों ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में घूमने के लिए आए पर्यटकों की बेहरमी से गोली मारकर हत्या कर दी थी. आतंकियों ने 2 विदेशी सहित 26 पर्यटकों को गोली मारी थी जिनकी मौके पर ही मौत हो गई जबकि 17 लोग इस हमले में घायल हो गए थे. इस आतंकी हमले के बाद देश और विदेश के नेता घटना पर निंदा कर रहे हैं. और दुख व्यक्त कर रहे हैं लेकिन झारखंड के एक मंत्री ऐसे भी है जिन्हें अब तक यह नहीं मालूम की पहलगाम आखिर कहां है और वहां किसकी सरकार है. दरअसल, जेएमएम कोटे से झारखंड सरकार में मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने अपने बयान में केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि पहलगाम में आतंकी हमला हुआ है तो हिमाचल प्रदेश के सीएम को इस्तीफा दे देना चाहिए.
सुदिव्य सोनू के बचाव में सामने आया JMM
वहीं झारखंड सरकार के इस मंत्री के बयान पर उनके बचाव के लिए JMM (झारखंड मुक्ति मोर्चा) कूद पड़ा है. JMM केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि यह व्यंग्यात्मक रुप से बोला हुआ है. उन्होंने कहा कि 'आतंकी हमले की घटना जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुई है तो पूरी तरह से जवाब देना गृह मंत्री का बनता है. अगर इस हमले पर गृह मंत्री अमित शाह इस्तीफा नहीं देंगे तो क्या पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू इस्तीफा देंगे. मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू का व्यंग्य टिप्पणी यह था. सुदिव्य कुमार सोनू के बौद्धिकता और सूझबूझ के सामने विपक्ष के कोई नेता उनके आमने-सामने नहीं है.
मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू का यह बयान व्यंग्यात्मक- JMM
बीजेपी पर निशाना साधते हुए मनोज पांडे ने कहा कि बौद्धिकता के मामले में, समझ-बुझ के मामले में विपक्ष के कोई नेता उनके आमने-सामने नहीं है. मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू का यह बयान व्यंग्यात्मक है और यह पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर कटाक्ष है. पहलगाम में जब आतंकी हमला हुआ है और वहां की स्थिति का जायजा लेने के लिए आपको जाना है तो आप पहुंच जाते है बिहार तो ऐसे में...तो ये तो वहीं है कि इस्तीफा भी कोई दूसरा राज्य देगा. तो ये समझ-समझ का फेर हैं.
पहलगाम कहां है मंत्री को यह भी नहीं पता- BJP
वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता और रांची विधायक सीपी सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि JMM पार्टी के माननीय मंत्री कुछ भी बोल देते हैं. पहलगाम कहां है उनको यह भी नहीं पता. राज्य सरकार की मंत्री को आम बोलिएगा तो बोलेगा इमली. राज्य की जनता बाबुल लगाएगा और खोजेगा आम तो मिलेगा कहां से. झारखंड राज्य के सरकार में 'नमूना' एक से एक देखने को मिलेगा.
कोई भी बात बोलने से पहले मंत्री को सोचनी चाहिए- कांग्रेस
इस संबंध में झारखंड कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू सार्वजनिक जीवन जी रहे हैं कोई भी बात बोलने से पहले उनको सोचनी चाहिए और घटना की पूरी जानकारी उनके पास होना चाहिए. माननीय मंत्री के हैसियत से आप बयान दे रहे हैं तो आपको सोचना चाहिए आप मंत्री हैं इससे समाज में गलत प्रभाव पड़ेगा.
PC में सुदिव्य कुमार सोनू ने क्या कहा ?
मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने आज फिर से पीसी की जिसमें उन्होंने कहा कि आज के राजनीतिक जमात में तीन तरह के लोग है. एक पढ़े-लिखे लोग, दूसरे- अनपढ़ लोग और तीसरे- कुछ कुफड़ लोग. इसमें सबसे दुर्भाग्य की बात है कि कुफड़ लोगों की जमात सबसे अधिक दिखती है. भूगोल के ज्ञान पर मुझे बहुत कुछ बताई गई. मैंने स्पष्ट कहा था कि पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की हत्याओं के लिए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू इस्तीफा दें. ऐसा इसलिए कहा कि आजाद भारत में सार्वजनिक जीवन के लिए बड़े उच्च नैतिकता वादी मानदंडों की स्थापना हमारे पूर्ववर्ती नेताओं ने किया है. 1956 में रेल दुर्घटना के बाद तत्कालीन रेल मंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री ने नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
'1999 में नैतिकता के आधार नीतीश ने भी दिया था इस्तीफा'
बिहार के मधुबनी में पीएम मोदी कल जिस नीतीश कुमार के साथ बैठे थे 1999 में वहीं नीतीश कुमार ने रेल दुर्घटना पर तत्कालीन रेल मंत्री के पद से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया था. पूर्व की घटनाओं को उठा कर देख लें. तो पठानकोट में जब एयरबेस पर हमला हुआ था और पुलवामा में 300 किलो RDX के साथ सीमा को चीरकर आतंकवादी घुस गए थे तो उस वक्त कोई जवाबदेही फिक्स नहीं था. देश को अब भी यह नहीं मालूम कि वो 300 किलो RDX देश की सीमा में कैसे आया. उन्होंने कहा कि हमारी सीमा से अगर 6 आतंकवादी 300 किलोमीटर दूर टहलते हुए पहलगाम चले आते हैं तो ये विफलता किसकी है. मैं सिर्फ यही कहना चाहता था कि अगर कोई जवाबदेही फिक्स नहीं हो रही है तो हमारे कांग्रेस के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू को इस घटना की नैतिक जवाबदेही लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए.
देश संतृप्त परिवार के साथ तो राष्ट्रीय शोक की घोषणा क्यों नहीं- सुदिव्य
आगे उन्होंने कहा कि अगर देश पहलगाम में हुए आतंकी हमले में अपनी जान गंवाने वाले 28 लोगों को शोक संतृप्त परिवार के साथ खड़ा है तो इस राष्ट्र में राष्ट्रीय शोक की घोषणा क्यों नहीं हुई. ये राष्ट्रीय आपदा का विषय था. झारखंड के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी उनका मैं सम्मान करता हूं. उन्होंने मेरे बयान को फुहड़ बताया. लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि गिरिडीह में प्रदेश बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष रविंद्र राय द्वारा दिए बयान भी जरा देख लेते. झारखंड से लगने वाली अंतर्राष्ट्रीय विदेशी सीमा का उन्होंने जिक्र किया है तो उन्हें (रविंद्र राय) भी जरा भूगोल का अध्ययन करा देते कि झारखंड की कोई सीमा अंतर्राष्ट्रीय सीमा से नहीं लगती है.
'जम्मू कश्मीर केंद्र के अधीन तो जवाब दे गृह मंत्री'
उन्होंने कहा कि जब पत्रकार नेताओं का काम करने लगे तो नेताओं को पत्रकार का काम कर लेना चाहिए. पत्रकारों की प्राथमिक भूमिका देश की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं में जवाबदेही फिक्स करने लिए नेताओं से सवाल करने की थी वो नहीं हुआ. ऐसे में अगर एक राजनैतिक कार्यकर्ता पत्रकार की भूमिका में ये सवाल किया कि ''घटना अगर पहलगाम में घटी है तो जम्मू कश्मीर तो केंद्र शासित प्रदेश है जिसका आंतरिक सुरक्षा भारत सरकार के अधीन है. तो महब्बूबा मुफ्ती तो जवाबदेही नहीं हो सकती है तो हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू को जवाबदेही होना चाहिए. कि ये घटना कैसे घटी ?''