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Ranchi Desk: देशभर में कोरोना ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है. मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर के आंकड़ों के अनुसार, पूरे देश में 4026 कोरोना के संक्रमित मरीज पाए गए हैं. बीते 24 घंटे में देश में 65 नए संक्रमित मरीज मिले हैं. वहीं कोरोना से मरने वालों की संख्या भी बढ़कर 37 पहुंच गई है. मंत्रालय के अनुसार, सबसे अधिक केस केरल में 1416 हैं इसके अलावे महाराष्ट्र में 494, गुजरात में 397, दिल्ली में 393, वेस्ट बंगाल में 372, कर्नाटक में 311, तमिलनाडु में 215 और यूपी 138 कोरोना के मामले सक्रिय हैं.
इस दौरान कोरोना को लेकर पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ निशीथ कुमार ने कहा कि पहले ही कोरोना का दंश झेल चुके है. अब एक बार फिर से कोरोना ने रफ्तार पकड़ी है और ये ओमिक्रोन (कोरोना) का सब वैरिएंट है. हालांकि राहत की बात है कि सीवियर इन्फेक्शन नहीं हो रहे हैं. लेकिन लोगों को सजग रहने की जरूरत है. कोविड के प्रोटोकॉल का पालन करें.
झारखंड में कोरोना के कुल 11 मामले वहीं बात करें झारखंड की तो यहां कोरोना के कुल 11 मामले सामने आए हैं. इन सबके बीच राज्य सरकार ने फिर कोरोना को लेकर फिर से सतर्कता बढ़ा दी है. साथ ही कहा गया है कि घबराने की जरूरत नहीं है. लेकिन ऐहतियात के तौर पर एडवाइजरी जारी की गई है.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- घबराने की जरूरत नहीं
देश में कोरोना की रफ्तार और राज्य में बढ़े मामले को लेकर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा है कि झारखंड में कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड में है. सरकार ने स्थिति पर कड़ी संज्ञान लेते हुए कोविड एडवाइजरी जारी कर दी है. खुशखबरी ये है कि फिलहाल राज्य के सभी भर्ती कोरोना मरीज खतरे से बाहर हैं और उनकी हालत स्थिर बनी हुई है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पूरी टीम लगी हुई. डॉक्टर लगे हुए है. कोरोना को लेकर एडवाइजरी भी जारी कर दी गई है. सेंट्रल की तरफ से अबतक कोई गाइडलाइन नहीं आया है. केंद्र से जो गाइडलाइन आएगा, उसका हम अनुशरण करेंगे. मंत्री इरफान अंसारी ने यह भी कहा कि झारखंड में घबराने की बात नहीं है.
'कोरोना जांच के लिए RT-PCR टेस्टिंग बढ़ाई गई'
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि कोरोना जांच के लिए RT-PCR टेस्टिंग बढ़ाई गई. खराब पड़े राज्य के ऑक्सीजन प्लांट 10 दिनों में चालू करने का निर्देश भी दिया गया है उन्होंने कहा कि राज्यभर के अस्पतालों में 30 और 31 मई को मॉक ड्रिल की गई. इस दौरान अस्पतालों की टेस्टिंग क्षमता, दवा भंडारण, ऑक्सीजन सप्लाई और वेंटिलेटर की स्थिति की बारीकी से जांच की गई. ताकि आपात स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी सुनिश्चित हो सकें.