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Ranchi Desk: बालू घाटों के टेंडर को लेकर राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है झारखंड सैंड माइनिंग रूल्स 2025 की स्वीकृति के बाद अब बालू घाटों की नीलामी जिला के स्तर पर होगा. पूर्व में JSMDS टेंडर करवाता था, लेकिन अब जिला स्तर पर टेंडर होगा. राज्य सरकार के इस फैसले के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गई है वहीं इस मामले में अब राज्य की राजनीति गर्म हो गई है.
इधर, इस संबंध में जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि पूर्व में भी यह व्यवस्था थी और सरकार ने माना कि अगर पूर्व की व्यवस्था वापस लागू करें तो बालू सुगम होगा और सस्ता होगा. पड़ोसी राज्यों का भी हक है और हमारी टीम ने वहां जाकर सर्वे किया था और जो रिपोर्ट मिली है उसमें भी कहा गया कि पूर्व की व्यवस्था लागू होनी चाहिए. अब कैबिनेट से भी स्वीकृति मिल चुकी है और यह सरकार का बड़ा फैसला है. अब जिला प्रशासन बालू की नीलामी करेगा.
कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि कैबिनेट से जो बड़ा फैसला लिया गया है इस से स्थानीय लोगों को फायदा पहुंचाने वाला है. जिला प्रशासन गांवों के स्तर पर नीलामी करेगी तो इसका फायदा गांव के युवाओं को भी मिलने जा रहा है.
वहीं, रांची से बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा कि पहले भी जब हेमंत सोरेन की सरकार थी तब बालू का खेल होता रहा था और बाजार में बालू की किल्लत हो गई थी. अब फिर से यह लोग बालू का खेल कर रहे हैं जिसके कारण आम लोग परेशान है. कभी यह लोग जेएमडीसी को बालू देते हैं तो कभी बोलते हैं जिला प्रशासन बालू बचेगा. लेकिन हकीकत तो यह है कि बालू की कालाबाजारी बाजार में हो रही है. सरकार कैबिनेट से कुछ भी पास करें, लेकिन आम जनता को बालू नहीं मिलेगा.