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अब राशन कार्ड से होगी मंईयां सम्मान योजना की लाभुकों की वास्तविक पहचान

08-04-2025 - 01:52 PM
Naxatra News Hindi 
Ranchi Desk: राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की लाभुक महिलाओं की वास्तविक पहचान के लिए अब राशन कार्ड का सत्यापन कराया जाएगा. यह काम महिला, बाल विकास एंव सामाजिक सुरक्षा विभाग करेगा. आपको बता दें, इसके लिए नोडल विभाग ने खाद्य आपूर्ति विभाग से राशन कार्ड पोर्टल के एप्लीकेशन प्रोग्राम इंटरफेस यानी APE के उपयोग की स्वीकृति भी मांगी है. 
नोडल विभाग ने कई अन्य सॉफ्टवेयर इंटरफेस से इस योजना के लाभुकों की वास्तविक स्थिति जांच करने का निर्णय लिया है. इसमें नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी), नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) और पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) शामिल हैं. सामाजिक सुरक्षा विंग इसकी जांच करेगा कि योजना का लाभ लेने वाली महिला लाभुक झारखंड के ही हो और उनकी उम्र 18 से 50 वर्ष तक हो.
पश्चिम बंगाल के शख्स ने 95 बार किया था आवेदन
इसके अलावे इस बात का भी पता लगाया जाएगा कि लाभुकों का राशन कार्ड आधार कार्ड से लिंक है भी या नहीं. क्योंकि पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के रहने वाले एक शख्स ने राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मंईयां सम्मान का लाभ लेने के उद्देश्य से अपने बैंक खाते से करीब 95 बार आवेदन दिया था. 
झारखंड का लाभुक और राशन कार्ड में नाम अनिवार्य
इधर, इस संबंध में सामाजिक सुरक्षा निदेशक समीरा एस ने जानकारी देते हुए बताया कि मंईयां योजना का लाभ उठाने के लिए राशन कार्ड का होना अनिवार्य है. जांच में खाद्य आपूर्ति विभाग की तरफ से API स्वीकृति के पश्चात इसका पता चल सकेगा कि मंईयां योजन का लाभ उठा रहे लाभुक का नाम राशन कार्ड में दर्ज है या नहीं. महिला झारखंड की स्थानीय निवासी है या नहीं.Food Supplies Department (खाद्य आपूर्ति विभाग) राशन कार्ड से आधार कार्ड को लिंक करा रहा है. लाभुकों का आधार वेरिफिकेशन उससे भी आसानी से हो जाएगा. अगर, लाभुक का आधार पीडीएस से लिंक नहीं होगा तो महिला, बाल विकास विभाग आधार कार्ड (यूआईडीएआई) वेरिफिकेशन करेगा. 
मार्च माह तक लाभुकों के खाते में भेजे जा रहे 7500 रुपए 
आपको बता दें, राज्य के  56.61 लाख महिला लाभुकों के खाते में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिसंबर 2024 के लिए 6 जनवरी 2025 को करीब 1415.45 करोड़ रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर किया था. वहीं, होली के समय सूबे के 38 महिलाओं के खाते में मंईयां योजना की सम्मान राशि भेजी गई थी इन सभी लाभुक महिलाओं का खाता आधार लिंक था जबकि बीते दिनों झारखंड मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय के बाद बिना आधार लिंक के ही लाभुकों के खाते में राशि भेजने की मंजूरी दी गई. लेकिन यह फैसला सिर्फ मार्च महीने तक के लिए ही रहा. 
अप्रैल से किया गया बड़ा बदलाव
मंईयां सम्मान योजना की प्रक्रिया में अप्रैल महीने में बड़े बदलाव किए गए है. इसके तहत अब योजना के लाभुकों को सिर्फ आधार लिंक सिंगल बैक खाते के जरिए ही राशि का भुगतान कराया जाएगा. बता दें, अप्रैल महीने से प्रत्येक माह अब 2500 रुपए की राशि महिलाओं के खाते में भेजी जाएगी. आपको बता दें, योजना के लिए आवेदन के वक्त लाभुक महिला की उम्र 21 वर्ष की जबकि 50 वर्ष से कम होना आवश्यक है. इसके साथ ही योजना के लिए आवेदन करने वाली महिला के पास आधार कार्ड और राशन कार्ड हो. वहीं जिन महिलाओं का नाम राशन कार्ड में नाम नहीं है उनके लिए पिता और पति का राशन कार्ड मान्य रखा गया है.
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10-05-2025
Naxatra News Hindi 
Ranchi Desk: झारखंड में अब किसी भी निजी अस्पतालों में शवों को रोककर नहीं रखा जाएगा. बल्कि परिजनों को शव सौंपना अनिवार्य होगा. दरअसल, सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने राज्य में इसे लेकर एक बड़ा और ऐतिहासिक निर्णय लिया है. 

स्वास्थ्य मंत्री के इस फैसले से पूरे राज्य में सराहना और प्रशंसा की लहर पैदा कर दी है. साथ ही राज्य के गरीब परिवारों को बड़ी राहत भी प्रदान की है. सरकार का यह निर्णय असमय अपनों को खोने वाले परिजनों के लिए सहारा और एक बड़ी संबल बनकर सामने आया है. लोग मंत्री इरफान अंसारी के इस संवेदनशील और मानवीय निर्णय के लिए दिल से धन्यवाद और आभार व्यक्त कर रहे हैं.  

आपको बता दें, स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने स्पष्ट और सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि निजी अस्पतालों में अब किसी भी परिस्थिति में मृतक के शव को रोककर नहीं रखा जाएगा. अस्पताल को हर हाल में शव उनके परिजनों को सौंपना अनिवार्य होगा. 

वहीं इस संबंध में जब मंत्री  इरफान अंसारी से सवाल पूछा गया कि उन्होंने ऐसा निर्णय क्यों लिया है तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि 'मैं मंत्री बाद में हूं पहले एक डॉक्टर हूं. और एक डॉक्टर होने के नाते मैं मरीजों और उनके परिजनों के दुख, दर्द और पीड़ा को भली भांति समझ सकता हूं. मैंने अपनी आंखों से देखा है कि किस तरह अस्पताल शव को पैसे के अभाव में रोक लेते थे और परिवार लाचार, बेबस होकर अस्पतालों के दरवाजे पर बिलखते रहते थे. तभी मैंने मन में ठान लिया था कि अगर मुझे भविष्य में कभी ऐसी जवाबदेही मिलेगी, तो मैं सबसे पहले उन परिवारों को राहत दूंगा जो आर्थिक तंगी के कारण अपनों का अंतिम संस्कार तक नहीं कर पाते.'

आगे उन्होंने कहा कि मंत्री पद की शपथ लेते ही उन्होंने यह निर्णय लागू किया और राज्य के तमाम अस्पतालों ने इसका अनुपालन किया. इतना ही नहीं इरफान अंसारी ने केंद्र सरकार को भी इस निर्णय की जानकारी दी थी. जिसके बाद अब केंद्र सरकार ने भी इस फैसले को मान्य दे दी है. इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का भी आभार व्यक्त किया. और कहा कि मैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का धन्यवाद करता हूं, जिनकी दूरदर्शी सोच और जनहितकारी नेतृत्व के कारण आज स्वास्थ्य मंत्री के रूप में उनके विजन को आगे बढ़ा रहा हूं. राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में व्यापक बदलाव आया है और आने वाले दिनों में और भी क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलेंगे.

बता दें, यह निर्णय केवल एक आदेश नहीं, बल्कि एक मानवीय पहल है जो संवेदना, सहानुभूति और न्याय की बुनियाद पर आधारित है. मंत्री डॉ अंसारी का यह कदम झारखंड में एक नई स्वास्थ्य व्यवस्था की नींव रख रहा है  जहां इंसानियत सबसे ऊपर है.
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