Naxatra News HindiRanchi Desk: राजधानी रांची स्थित होटवार में आज शुक्रवार (6 जून 2025) को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मेधा मिल्क पाउडर प्लांट का शिलान्यास किया. इस दौरान उन्होंने कई लाभुकों के बीच प्रोत्साहन राशि का वितरण भी किया. मौके पर सरकार के मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, कांके विधायक सुरेश बैठा सहित विभाग के पदाधिकारी और मेधा डेयरी के पदाधिकारी मौजूद रहें. बता दें, कार्यक्रम का आयोजन खेलगांव स्थित हरिवंश टाना भगत इंडोर स्टेडियम में किया गया, जहां बड़ी संख्या में किसान, महिला समूह, जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोग उपस्थित हुए. कार्यक्रम में अपने संबोधन में सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि रांची के होटवार में मेधा डेयरी की तरफ से संचालित मिल्क पाउडर प्लांट का शिलान्यास कार्यक्रम में आए हुए हमारे विभिन्न गांव से किसान भाईयों- बहनों, मित्रों और कृषि विभाग की मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, विधायक सहयोगी सुरेश बैठा, विभाग के पदाधिकारीगण और मेधा डेयरी के पदाधिकारी गण सभी का हार्दिक अभिनंदन.
खेती-बाड़ी एक ऐसी व्यवस्था जिससे कोई नुकसान नहीं होता- सीएम हेमंत सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि आप सब लोग खेत-खलिहान से जुड़े हुए लोग हैं. और इसी व्यवस्था के माध्यम से आपका पूरा जीवन यापन होता है देश का एक बहुत बड़ा अर्थव्यवस्था का भी आप हिस्सा के रुप में हैं. आपको याद होगा, हमारे देश के अग्रणी नेताओं ने एक नारा दिया था जय जवान जय किसान, ये कितना ताकतवर नारा है अगर आप सही मायने में इसे समझ पाए इसके साथ जुड़ पाए इससे अच्छा आज के दुनिया में कोई और नहीं हो सकते हैं.खेती-बाड़ी, पशुओं को पालना, मानव जीवन की एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें कोई नुकसान नहीं बल्कि सिर्फ फायदा ही फायदा है देश-दुनिया में बहुत सारे उद्योग, धंधा चलते है. कभी बिजली उत्पादन का उद्योग लगा, कहीं लोहा-छड़ बनाने का उद्योग लग रहा है. सभी उद्योगों से कहीं न कहीं कोई नुकसान हो रहा है जिसमें सबसे अधिक पर्यावरण को नुकसान होता है और पर्यावरण के नुकसान से हमें भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है. लेकिन खेती-बाड़ी एक ऐसी व्यवस्था है जिससे न तो पर्यावरण को नुकसान होता है और न ही इंसान को.

महिलाओं के अंदर खून की कमियां होती- सीएम हेमंतलेकिन इस व्यवस्था को हमने कमजोर होते हुए देखा है. और इसका नतीजा ये है कि आज के दिन में गांव-देहात में कमजोर बच्चे पैदा होते है. महिलाओं के अंदर खून की कमियां होती है. पहले ऐसा नहीं हुआ करता था. आज के दिनों भी हमारे गांव-देहात, घर परिवार में दादा-दादी, बूढ़ा बुजुर्ग लोग हैं जो 100 साल से ऊपर के हैं. लेकिन आज के जीवन के मूल्य उतने नहीं है. आज 50-60-70 साल में लोग अंतिम पड़ाव की ओर पहुंच जाते हैं. उस वक्त ये सारी व्यवस्था मजबूती के साथ थी. गांव देहात में सुबह शाम जब जानवरों का निकलना होता था तो घर से लोग बाहर नहीं निकल पाते थे. जानवर इतना अधिक होता था. लेकिन आज गांवों में जानवरों की कमी हो गई है. गाय, बकरी, मुर्गी, मछली सभी चीज खत्म होते चले गए. गाय बकरी मुर्गी सुअर अगर ये सब गांव-देहात और घर-घर में हो तो उस घर में कोई बच्चा कमजोर पैदा नहीं हो सकता है. महिला कमजोर नहीं हो सकती है. जब इतना पौष्टिक आहार उनको मिलेगा, घर परिवार स्वास्थ तो पूरा समाज स्वास्थ रहेगा. इस मूल मंत्र को आप समझने की कोशिश करें.

सरकार योजनाएं ला रही ताकि आप स्वावलंबी हो सकें- सीएम हेमंत
आज आप लोगों की चिंता के लिए कृषि विभाग का मंत्रालय चलता है किसान आज के मौजूदा वक्त में महंगाई का आलम इस कदर है कि किसानों की आय बढ़ नहीं पाती और महंगाई बहुत तेजी से बेतहाशा बढ़ता है. और नतीजा ये होता है कि किसान हतोत्साहित हो जाते है लेकिन इसकी आवश्यकता नहीं है सरकार आपके साथ खड़ी है. पशु पालकों के साथ खड़ी है. अलग-अलग माध्यम से आपके आय के स्त्रोत कैसे बढ़े, इस पर विभाग निरंतर प्रयासरत हैं. हम लोग लगातार हमारे किसान कैसे समृद्ध हो इस पर भी नित नए प्रोग्राम आप लोगों के लिए बना रहे है, योजनाएं ला रहे, आप तक पहुंचा रहे है ताकि आप स्वावलंबी हो सकें. आप लोगों के व्यवस्था के माध्यम से ही आप लोगों की उत्पादक सामाग्री से ही राज्य की जनता का पेट भरा जाता है आप को पता है आपलोगों के उपजाए हुए धान को सरकार खरीदती है आपके पशु के द्वारा दुग्ध उत्पादन का भी क्रय सरकार करती है इसके अलावे आपको प्रोत्साहित और मजबूत करने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम के माध्यम से, विभिन्न योजनाओं के जरिए सहायता राशि भी उपलब्ध कराती है.
यहां पर एक समय ऐसा था कि ये सभी चीजें एक वक्त सिर्फ काम चलाऊ था लेकिन इस बार हम लोगों ने ये काम किया है कि इस बार जो भी जानवर हम अपने किसानों को देंगे. सभी जानवरों का इंश्यूरेश किया हुआ मिलेगा. क्योंकि जिस तरीके से मौसम की मार से किसान परेशान रहता है. लेकिन आप निराश न हो, इसके लिए आपके जानवर का लागत जितना होगा, वो आपको बैंक के द्वारा वापस मिल जाएगा. ताकि आप फिर से अपने जानवर को पालने का काम कर सकें. इसीलिए आपलोगों के लिए अलग-अलग जगहों पर विशेषकर आज दुग्ध उत्पादन के लिए चर्चा में है आप लोगों का अलग-अलग जिलों में जो दूध संग्रहण का कार्य हो रहा है इसमें जो कमी है वह धीरे-धीरे बढ़ रहा है.
वर्तमान समय राज्य ने पाई है कई उपलब्धियां- सीएम हेमंत
अलग-अलग राज्यों से झारखंड में नकली पनीर, खोआ लाकर लोग बेचने का काम करते हैं. जिससे लोगों के जीवन को खतरा होता है हम अपने राज्य में अगर उत्पादन बढ़ा लें तो वो नकली पनीर, मक्खन, दही खाने की क्या जरूरत है. इसलिए किसानों से आग्रह है कि हमारे किसानों का उत्साह और कैसे मजबूती के साथ आगे बढ़े. वर्तमान समय में कई चीजों पर हम लोगों ने अच्छी उपलब्धियां पाई है. अंडा के लिए हम दूसरे राज्यों में निर्भर रहते थे मछली पर 100 प्रतिशत हम दूसरे राज्य पर निर्भर थे अन्य कई चीजों पर दूसरे राज्यों में निर्भर रहते थे लेकिन अब बहुत बड़े पैमाने पर इसपर कमी आई है, इसी तरीके से अगर हम लोग आगे बढ़ते रहें तो अगले 5 से 7 साल के अंदर इन सभी क्षेत्रों में झारखंड अपने पैर पर खड़ा हो जाएगा.
राज्य को अलग हुए 25 साल हो गए. 25वें साल में संकल्प लेने की जरूरत है. कि हमारे किसान भाई अपने पैर पर खड़े होकर मजबूती के साथ अपनी किसान व्यवस्था को मजबूत कर रहा है. कई ऐसे देश और राज्य है. जो खेती-बाड़ी के नाम पर पूरी दुनिया में चर्चित रहता है. तो हम क्यों नहीं हो सकते ? झारखंड में बहुत से लोग है जो व्यक्तिगत रुप से खेती बाड़ी कर रहे हैं और व्यवसाय के रुप में स्थापित करके स्वावलंबी हो रहे हैं.
एमएस धोनी भी करते है खेती बारी - सीएम हेमंत
आपने सुना है हमारे राज्य का एक होनहार जवान, देश में ख्याति प्राप्त, क्रिकेट प्लेयर एमएस धोनी को जरूर सुना होगा. वे भी खेती-बाड़ी करते है. वे ऐसे खेती-बाड़ी करते है, उनका खेती विदेशों में एक्सपोर्ट होता है. क्रिकेट खेलने वाला इतना व्यस्त व्यक्ति खेती कर सकता है तो हम 24 घंटा खेती-बाड़ी में रहने वाले लोग हम सब क्यों नहीं कर सकते ? इसलिए काम, मेहनत हर चीज मांगता है मेहनत किया हुआ काम हमेशा अच्छा फल देता है. आप सभी लोग सरकार की योजनाओं का लाभ लें.